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Violence has continued for long in Manipur

मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के कारण राज्य में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। इस हिंसा के बीच, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।

राष्ट्रपति शासन लागू होने के तुरंत बाद, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सभी समुदायों से अपील की कि वे लूटे गए और अवैध हथियारों को सात दिनों के भीतर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षा बल कैंप में जमा करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्धारित समय के भीतर हथियार सरेंडर करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राज्यपाल भल्ला ने कहा कि पिछले 20 महीनों से जारी हिंसा और सांप्रदायिक तनाव ने मणिपुर के लोगों को भारी कठिनाइयों में डाला है। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे शांति सुनिश्चित करने के लिए स्वेच्छा से हथियार सरेंडर करें।

इससे पहले, नवंबर 2024 में भी राज्य में हिंसा भड़क उठी थी, जब जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा कुछ लोगों की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया था। उस समय भी कर्फ्यू लगाया गया था और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।

मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से तनाव रहा है, जो मई 2023 में हिंसा में परिवर्तित हो गया। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, राज्यपाल द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल होगी

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के बाद राज्यपाल का अल्टीमेटम

Manipur Violence: President Rule letest news

मणिपुर में पिछले काफी समय से हिंसा का दौर लगातार जारी है इसी बीच वहां सीएम के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन भी लगा दिया गया है लेकिन अब केंद्र सरकार मणिपुर में शांति लाने के लिए भरसक कोशिश में जुट गई है इसी कड़ी में अब ताजा खबर यह है कि मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने मैते और कुकी समेत सूबे के सभी समुदाय के लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को

7 दिनों के अंदर सौंपने को कहा है इसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया है कि अल्टीमेटम का पालन करने वालों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी राज्यपाल ने एक आधिकारिक बयान में यह साफ तौर पर कह दिया है कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य के सभी समुदायों को दुश्मनी को खत्म करने और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए

जिससे लोग अपनी सामान्य दिन प्रतिदिन की गतिविधियों में वापस लौट सकें राज्यपाल की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इस संबंध में मैं सभी समुदायों के लोगों विशेष रूप से घाटी और पहाड़ियों के युवाओं से ईमानदारी से कहता हूं कि वह स्वेच्छा से आगे आए और लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों और गोला बारूद को आज से अगले सात दिनों के अंदर पास के

पुलिस स्टेशन जोकी सुरक्षा बलों के शिविर में जमा करवा दें बयान में अपील करते हुए यह भी कहा गया है कि इन हथियारों को वापस करने का आपका एक काम शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम हो सकता है मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर ऐसे हथियार निर्धारित समय के अंदर वापस कर दिए जाते हैं तो कोई भी दंडात्मक कारवाई शुरू नहीं की जाएगी इसके बाद

ऐसे हथियार रखने पर सख्त कारवाई की जाएगी मणिपुर में पिछले हफ्ते राष्ट्रपति शासन लगाया गया और राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया था जिसके कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था सूबे में जातीय हिंसा शुरू होने के करीब 2 साल बाद बीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था मणिपुर में हिंसा मई

2023 में शुरू हुई थी और इंफाल घाटी में बहुसंख्यक मैते समुदाय और आसपास की पहाड़ियों में कुकी जो आदिवासी समूहों के बीच क्रूर झड़पें हुई दो समुदाय की लड़ाई में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हज लोग विस्थापित हो गए अब राष्ट्रपति शासन लगने के बाद केंद्र सरकार चाहती है कि मणिपुर में शांति व्यवस्था को बहाल

किया जाए और इसी कड़ी में अब वहां के स्थानीय समुदाय के लोगों से यह अपील की गई है कि अपने यहां रखे गए हथियारों को वापस जमा करवा दिया जाए नहीं तो सख्त कारवाई हो सकती है

Violence has continued for long in Manipur.

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