Arakan army

Myanmar Attack Bangladesh

Arakan army बांग्लादेश पोर अटैक किया है

अराकान सेना (Arakan Army), जो म्यांमार के राखाइन राज्य से एक सशस्त्र जातीय समूह है, ने हाल ही में बांग्लादेश की सीमा पर हमला किया। यह घटना न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बनी, बल्कि म्यांमार और बांग्लादेश के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक खराब कर दिया। इस लेख में हम इस घटना का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, जिसमें इसके संदर्भ, कारण, प्रभाव और संभावित समाधान पर चर्चा करेंगे।

अराकान सेना का स्थापित

अराकान सेना म्यांमार के राखाइन राज्य में सक्रिय एक सशस्त्र संगठन है, जो 2009 में अस्तित्व में आया। यह समूह रखाइन जातीय समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ रहा है और म्यांमार की सेना (तत्मादाव) के साथ लंबे समय से संघर्ष में है। लेकिन अभी ले लिया. बांग्लादेश का सरकार ने कुछ कहा नहीं, अभी बांग्लादेश का लिया

हल फिलल अरकान सेना ने यो किया है ये सोब भारत को खुश करने के लिए किया है येसाब! कियू कि बांग्लादेश मा ये सोब कुछ कोर रहा है इसलिए कियु कि बांग्लादेश मा हिंदू को बहुत परेशान किया जा रहा है इसिलिये

हमले की मुख्य करण

अराकान आर्मी (Arakan Army) म्यांमार के राखाइन राज्य में एक जातीय सशस्त्र समूह है। यह बर्मी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ता है और इसका मुख्य उद्देश्य राखाइन (आरकानी) लोगों के अधिकारों और स्वायत्तता के लिए संघर्ष करना है। समय-समय पर इस समूह और म्यांमार की सेना के बीच संघर्ष होते रहते हैं, जिससे बांग्लादेश सीमा पर भी तनाव बना रहता है।मुख्य बिंदु:- अराकान आर्मी एक जातीय सशस्त्र समूह है- यह म्यांमार के राखाइन राज्य में सक्रिय है- बर्मी सेना के साथ उनके बीच लगातार संघर्ष होते रहते हैं- इसका प्रभाव बांग्लादेश की सीमा पर भी पड़ता हैक्या आप इस विषय के बारे में कोई विशेष जानकारी जानना चाहते हैं? अभि ने लिया का ये ताजा खबर है

अराकान सेना के हमले के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे सीमा नियंत्रण पर अपना प्रभाव बढ़ाना, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना, और क्षेत्रीय प्रभुत्व के लिए दबाव बनाना।

सीमा पार हमला:** अराकान सेना ने म्यांमार-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र को निशाना बनाया।

अराकान आर्मी ने हाल ही में कुछ दिनों में बांग्लादेश बॉर्डर के करीब कुछ इलाकों पर छोटे-मोटी हमला किया है, जो ज्यादा तार बंदरबान और रंगमती के पास देखा गया है। हमलों का मकसद बॉर्डर कंपनी में

राखाइन समुदाय के लिए स्व-निर्णय:

अराकान आर्मी के हमले का एक मुखिया रखाइन समुदाय के लिए आत्मनिर्णय की मांग है। ये समुदाय अपने स्वतंत्र राज्य और अपनी पहचान के लिए म्यांमार की सरकार के ख़िलाफ़ संघर्ष का

हमले के तत्काल परिणाम

अराकान आर्मी के हमलों का परिणम सीमा क्षेत्र में तनाव और सुरक्षा चिंता में इज़ाफ़ा है। इस बांग्लादेश और म्यांमार के रिश्ते और ख़राब हो रहे हैं। स्थानीय लोग असुररक्षित महसूस कर रहे हैं

अराकान सेना और म्यांमार सरकार के बीच संवाद:** – म्यांमार सरकार को अराकान सेना के साथ शांति वार्ता शुरू करनी चाहिए। – राखाइन समुदाय के अधिकारों और स्वायत्तता पर चर्चा की जानी चाहिए।

कूटनीतिक प्रयास:

अराकान आर्मी के हमलों से क्षेत्रीय कुतनीति में तनाव बढ़ गया है। बांग्लादेश अपनी सुरक्षा बढ़ाने पर ज़ोर दे रहा है, जबकी म्यांमार की अस्थिरता पड़ोसी देशों से प्रभावित हो रही है।

निष्कर्ष

बांग्लादेश पर बहुत बड़ा हमला हुआ है बांग्लादेश की 271 किमी सीमा पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है यहां तक कि दावे किए जा रहे हैं कि बांग्लादेश के टेकनाफ शहर पर भी कब्जा कर लिया गया है बांग्लादेश भारत को धमकी देने में व्यस्त था लेकिन म्यानमार के एक विद्रोही संगठन ने बांग्लादेश की सीमा पर ही कब्जा कर लिया है यह विद्रोही संगठन बांग्लादेश पर जबरदस्त हमले कर रहा है हमले इतने भीषण हैं कि बांग्लादेश की सेना म्यानमार बॉर्डर से भाग गई है म्यानमार के विद्रोही संगठन अरकान आर्मी ने बांग्लादेश में घुसकर हमले किए हैं

अरकान आर्मी रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी मुसलमानों पर ड्रोन से हमले कर रही है कई लोगों का तो यहां तक कहना है कि अरकान आर्मी भारत को खुश करने के लिए बांग्ला देश के टुकड़े करना चाहती है क्योंकि अरकान आर्मी चाहती है कि भारत अपना कलादान प्रोजेक्ट पूरा करें अब इस दावे में कितनी सच्चाई है उस पर चर्चा करेंगे लेकिन पहले आपको दिखाएंगे कि कलादान प्रोजेक्ट क्या है अराकान आर्मी क्या है और अराकान आर्मी बांग्लादेश की सीमा पर कब्जा करके क्यों बैठ गई है दरअसल बांग्लादेश दो देशों के साथ बॉर्डर शेयर करता है बांग्लादेश के तीन तरफ भारत है तो एक तरफ म्यानमार म्यानमार का रखाई इलाका बांग्लादेश से लगता है अब बांग्लादेश के खिलाफ रखाई स्टेट में !

अरकाना आर्मी आकर खड़ी हो गई है पिछले कुछ दिनों से अरकान आर्मी बांग्लादेश पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है आप जानते ही हैं कि म्यानमार में गृह युद्ध चल रहा है म्यानमार के अलग-अलग इलाकों पर अलग-अलग विद्रोही संगठनों का कब्जा है ऐसे में रखाई इलाका जो बांग्लादेश से लगता है वहां अरकान आर्मी का राज है आप बार-बार जिन रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में सुनते हैं वह रखाई के रहने वाले ही हैं रखाई में 30 प्र आबादी रोहिंग्या मुसलमानों की है तो 60 प्र से ज्यादा बुद्धिस्ट हैं रखाई इलाका हमेशा से ही बुद्धिस्ट लोगों का रहा है लेकिन इस इलाके में रोहिंग्या मुसलमानों ने बुद्धिस्ट लोगों को मारना शुरू कर दिया इसी का बदला लेने के लिए रखाई के !

बुद्धिस्ट लोगों ने 2009 में अरकान आर्मी की स्थापना की अभी तक तो अरकान आर्मी सिर्फ रोहिंग्या हों से ही जंग लड़ रही थी लेकिन जब से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार आई है तब से अरकान आर्मी ने बांग्लादेश पर भी हमले शुरू कर दिए हैं अरकान आर्मी का मानना है कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार आने की वजह से रोहिंग्या मजबूत हो सकते हैं इसी को रोकने के लिए अरकान आर्मी ने बांग्लादेश

और म्यानमार की 271 किलोमीटर सीमा पर कब्जा कर लिया है हाल ही में खबर आई है कि अरकान आर्मी चाहती है कि भारत अपना काला दन प्रोजेक्ट जल्दी पूरा करें काला दन एक मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट है जो कोलकाता से म्यानमार और फिर म्यानमार से मिजोरम तक जाता है इस प्रोजेक्ट में समुद्र नदी और जमीन तीनों रास्ते शामिल है कलादान प्रोजेक्ट का म्यानमार वाला हिस्सा रखाई स्टेट से होकर ही गुजरता है ऐसे में अराकान आर्मी भारत को खुश करना चाहती है वह चाहती है कि भारत जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करें अब म्यानमार में तो कोई सरकार है नहीं अलग-अलग जगहों पर विद्रोही संगठनों का राज है ऐसे में रखाई इलाके के सारे फैसले अरकान आर्मी कर रही है

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