गंगा स्नान से रोका गया साधु, फिर क्या हुआ?
महाकुंभ: आस्था के सैलाब में सतर्कता की मिसाल
प्रयागराज महाकुंभ का भव्य आयोजन संगम के पवित्र तट पर चल रहा था। लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे थे और साधु-संतों के शिविरों में भक्ति का माहौल था। लेकिन इस बार, इस पवित्र आयोजन में एक अप्रत्याशित घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया।
सेक्टर 14 के शिविर में एक नया साधु आया, जो साधारण से दिखने वाले गेरुआ वस्त्र और लंबी दाढ़ी में सामान्य साधुओं जैसा ही था। लेकिन उसकी रात की गतिविधियों ने एक किशोर, किशोर नाम के सेवक, का ध्यान खींचा। किशोर ने देखा कि यह साधु रात में चुपके से शिविर से बाहर जाकर कुछ संदिग्ध हरकतें करता था।
किशोर ने अपनी चिंता मुख्य साधु और अपने दोस्त से साझा की। रात में नजर रखने पर पता चला कि वह साधु किसी अनजान व्यक्ति से मिलकर किसी बड़ी साजिश की योजना बना रहा था। किशोर ने हिम्मत दिखाते हुए इस बातचीत को रिकॉर्ड किया और तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने सतर्कता से कार्रवाई करते हुए संदिग्ध साधु और उसके साथी को रंगे हाथों पकड़ लिया। उनके पास से विस्फोटक उपकरण और हमले की योजना से जुड़े नक्शे बरामद हुए। पूछताछ में पता चला कि वह साधु एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का सदस्य था, जो महाकुंभ को
निशाना बनाकर एक बड़ा हमला करना चाहता था।इस सतर्कता और सामूहिक प्रयास से एक बड़ी घटना को टाल दिया गया। किशोर और मुख्य साधु की सूझबूझ के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। इस घटना ने सुरक्षा और सतर्कता के महत्व को फिर से उजागर किया और महाकुंभ जैसे आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया।

प्रयागराज के पवित्र संगम तट पर महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा था।
लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे थे और हर तरफ साधु-संतों के शिविर लगे थे। इस पावन वातावरण में किसी को अंदाजा नहीं था कि एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान साधु को गंगा स्नान से रोका गया – देख सबके पसीने छूट गए, फ़िर कीया हुआ
प्रयागराज महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा था संगम के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ था लाखों की भीड़ गंगा में डुबकी लगा रही थी अखाड़ों की चहल पहल और हर तरफ साधु संतों के तंबू लगे थे लेकिन इस बार इस पवित्र आयोजन के बीच कुछ ऐसा होने वाला था
जिसने सभी को हिलाकर रख दिया सेक्टर 14 के बड़े शिविर में एक दिन सुबह एक नया साधु पहुंचा उसकी लंबी दाढ़ी माथे पर चंदन का बड़ा टीका और गेरुआ वस्त्र उसे बाकी साधुओं जैसा ही बना रहे थे वह धीरे-धीरे शिविर के अंदर आया और मुख्य साधु के चरणों में झुक
गया मुख्य साधु ने उसकी ओर देखा और बोले महात्मा जी आप कहां से पधारे हैं नए साधु ने हाथ जोड़ते हुए जवाब दिया काशी से यहां संगम पर साधना करने की इच्छा थी इसलिए आ गया मुख्य साधु ने सिर हिलाते हुए कहा बहुत अच्छा यह पवित्र भूमि है आप यहां आराम से रह सकते हैं साधु शिविर के एक कोने में बैठ गया उसने अपने झोले से एक पोटली निकाली उसमें से चंदन और राख अपनी
हथेलियों पर लगाया और ध्यान में बैठ गया बाकी साधु उसकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे क्योंकि महाकुंभ में रोजाना ऐसे नए चेहरों का आना जाना आम था दिन भर वह साधु अन्य संतों के साथ साधारण तरीके से समय बिताता वह सुबह जल्दी गंगा स्नान करता दिन भर प्रवचन सुनता और रात होते ही ध्यान में लीन हो जाता लेकिन रात के समय उसका व्यवहार हार बदल जाता किशोर जो उस शिविर में सेवा का काम करता
था ने पहली बार गौर किया कि यह नया साधु हर रात चुपके से शिविर से बाहर चला जाता है एक रात किशोर ने देखा कि वह साधु शिविर के पीछे गया और जमीन में कुछ दबा दिया किशोर ने अगली सुबह अपने दोस्त मनीष से बात की किशोर ने अपने दोस्त से कहा यार मुझे लगता है यह नया बाबा कुछ गड़बड़ है फिर मनीष ने कहा क्यों ऐसा क्या किया उन्होंने किशोर ने बताया कल रात मैंने देखा कि यह कुछ जमीन में दबा रहे थे पता नहीं लेकिन कुछ तो अजीब है मनीष ने हंसते हुए कहा अरे तुझे हर
किसी पर शक होता है हो सकता है वह कोई पूजा सामग्री हो लेकिन किशोर का मन शांत नहीं था उसने तय किया कि वह इस साधु पर नजर रखेगा उसी दिन प्रयागराज पुलिस को एक गुमनाम कॉल आया कॉलर ने बताया कि महाकुंभ में एक आतंकवादी साधु के भेष में छुपा हुआ है और वह किसी बड़े की योजना बना रहा है यह
सुनकर पुलिस तुरंत सतर्क हो गई इंस्पेक्टर राजीव शर्मा जो महाकुंभ की सुरक्षा के प्रमुख थे ने अपनी टीम को अलर्ट कर दिया इंस्पेक्टर राजीव हमें हर शिविर की जांच करनी होगी किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा खासकर नए चेहरों पर ध्यान दो पुलिस ने सभी शिविरों की गुप्त निगरानी शुरू कर दी इस बीच सेक्टर
14 के शिविर में वह नया साधु सामान्य तरीके से दिन बिता रहा था लेकिन रात को उसकी हरकतें जारी थी एक रात किशोर ने देखा कि साधु झोले से एक कागज और छोटा उपकरण निकाल रहा था वह झोला लेकर शिविर से बाहर चला गया किशोर ने साहस जुटाया और उसका पीछा किया साधु सीधे गंगा घाट के पास गया जहां उसने एक व्यक्ति से
मुलाकात की और दूसरे साधु से कहा सब कुछ योजना के अनुसार चल रहा है कोई शक नहीं हुआ है अनजान व्यक्ति बहुत अच्छा बस सही वक्त का इंतजार करो फिर किशोर ने इन दोनों की बातचीत दूर से सुनी और अपने फोन से इसे रिकॉर्ड करने की कोशिश की लेकिन वह बहुत डर गया था अगले दिन उसने यह बात मुख्य साधु को बताई किशोर ने कहा
महाराज वह साधु कुछ गड़बड़ है मैंने उसे कल रात किसी अजनबी से बात करते देखा मुख्य साधु ने गंभीरता से कहा यह बहुत गंभीर बात है हमें पुलिस को सूचित करना चाहिए फिर किशोर ने हिचकते हुए कहा अगर वह दोषी निकला तो मुख्य साधु यह जोखिम उठाने लायक नहीं ऐसा करते हैं आज रात उसकी हरकतों को फिर से देखते हैं
अगली रात किशोर ने और मुख्य साधु ने तय किया कि वे उस संदिग्ध साधु पर नजर रखेंगे किशोर ने अपना फोन तैयार रखा और मुख्य साधु ने शिविर के कुछ अन्य साधुओं को भी अलर्ट कर दिया रात का समय था सब सोने की तैयारी कर रहे थे साधु फिर से अपनी झोली लेकर शिविर से निकला साधु गंगा किनारे के एक सुनसान घाट पर पहुंचा जहां वही व्यक्ति
मौजूद था जिससे वह पह पहले भी मिला था अनजान व्यक्ति ने पूछा तुमने जो कहा था वह काम पूरा कर लिया साधु ने उत्तर दिया हां उपकरण सही जगह पर सेट कर दिए गए हैं बस एक आदेश का इंतजार है मुख्य साधु और किशोर यह सुनकर चौक गए किशोर ने इस बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया मुख्य साधु ने धीरे से किशोर से कहा तुरंत पुलिस को बुलाओ किशोर
ने पुलिस को कॉल किया और उन्हें सारी जानकारी दी इंस्पेक्टर राजीव शर्मा और उनकी टीम तुरंत हरकत में आ गई इंस्पेक्टर राजीव ने कहा हमें इस संदिग्ध साधु को रंगे हाथों पकड़ना होगा अगर वह सच में आतंकवादी है तो वह कोई
बड़ा खतरा बन सकता है पुलिस ने घाट की ओर जाने वाले सभी रास्तों को घेर लिया कुछ जवान वेश बदलकर वहां पहुंचे ताकि साधु को उन पर शक ना हो साधु और उसका साथी अभी भी बातचीत में व्यस्त थे साधु ने कहा यह आखिरी चरण है बस जैसे ही भीड़ सबसे ज्यादा होगी हमें कार्रवाई करनी है अंज व्यक्ति ने उत्तर दिया यह हमला सबके लिए एक बड़ा संदेश होगा कोई सोच भी नहीं सकता कि महाकुंभ जैसी जगह को निशाना बनाया जा सकता है
पुलिस टीम ने सही का इंतजार किया जैसे ही साधु ने अपने झोले से एक और उपकरण निकाला पुलिस ने उन्हें घेर लिया इंस्पेक्टर राजीव ने कहा हाथ ऊपर करो पुलिस से बचने की कोशिश मत करना साधु और उसका साथी हड़बड़ा गए साधु ने भागने की कोशिश की लेकिन
पुलिस ने उसे पकड़ लिया झोले की तलाशी ली गई तो उसमें विस्फोटक उपकरण और कुछ नक्शे मिले पुलिस ने तुरंत साधु और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया पूछताछ में पता चला कि वह एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का सदस्य था उसका असली नाम अयूब खान था और वह भारत में कई सालों से छुपकर रह रहा था इंस्पेक्टर
राजीव ने पूछा तुम्हारा मकसद क्या था महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को क्यों निशाना बनाया अयूब ने उत्तर दिया भीड़ का डर सबसे बड़ा हथियार है हमारा मकसद था यहां ऐसा हमला करना जो दुनिया को हिला दे लेकिन तुमने हमारे प्लान को खत्म कर दिया पुलिस को साधु के झोले और शिविर के आसपास लगाए गए उपकरणों से बड़े हमले की योजना के सबूत मिले अगले दिन प्रयागराज पुलिस ने मीडिया को बताया कि महाकुंभ में एक बड़ा आतंकी हमला टल गया इंस्पेक्टर राजीव ने कहा हम
किशोर और मुख्य साधु के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने सही समय पर जानकारी दी यह सब उनकी सतर्क और साहस का नतीजा है किशोर और मुख्य साधु को महाकुंभ आयोजन समिति ने सम्मानित किया मुख्य साधु ने कहा हमने तो बस अपनी जिम्मेदारी निभाई महाकुंभ पवित्र आयोजन है इसे कोई अपवित्र नहीं कर सकता किशोर ने कहा अगर मैंने उस साधु पर नजर ना रखी होती तो शायद कुछ बड़ा हादसा हो जाता इस घटना ने सभी को सतर्क कर दिया कि आस्था के ऐसे बड़े
आयोजनों में सुरक्षा और जागरूकता कितनी महत्त्वपूर्ण है इस घटना के बाद बा महाकुंभ के आयोजकों और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया सभी शिविरों में नियमित जांच और निगरानी बढ़ा दी गई ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति ना हो श्रद्धालुओं को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की सलाह दी गई महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों में सुर रक्षा चुनौतियां हमेशा रहती
हैं लेकिन प्रशासन और जनता के सहयोग से इन चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना किया जा सकता है इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सतर्कता और सामूहिक प्रयासों से बड़े से बड़े खतरे को टाला जा सकता है प्रिय दर्शकों यदि आपको हमारा कंटेंट पसंद आया है और आप ऐसी ही और कहानियां सुनना चाहते हैं तो कृपया हमारे चैनल कथा मंथन को सब्सक्राइब करें आपके सब्सक्रिप्शन से हमें प्रेरणा मिलती है